एक नए रूप के साथ बहरूपिया कलमकार। एक नए रूप के साथ बहरूपिया कलमकार।
कटी पतंग सी खड़ी। भीगी पलकें। सवालों पर सवाल। तलाशती जवाब। कटी पतंग सी खड़ी। भीगी पलकें। सवालों पर सवाल। तलाशती जवाब।
वर दे वीणावादिनी वर दे ! ----- सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" वर दे वीणावादिनी वर दे ! ----- सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
सुलझेंगी गुत्थी रिश्तों की होंगीं राह सुगम जीवन की। सुलझेंगी गुत्थी रिश्तों की होंगीं राह सुगम जीवन की।
मूर्ख है वह मनुष्य जो इस सौगात से बचता है। मूर्ख है वह मनुष्य जो इस सौगात से बचता है।
साझा मल्हार भीगा मल्हार फीका मल्हार। साझा मल्हार भीगा मल्हार फीका मल्हार।